9 जुल॰ 2015

वाट्सअप की नयी पेशकश वाट्स अप वेब से बनेगी सोश्यल नेटवर्किंग और भी मजेदार


वाट्स अप की नयी पेशकश वाट्स अप वेब से आप अब कम्प्यूटर पर भी वाट्स अप का मजा ले सकते है. न केवल मजा बल्कि जो लोग इस सोश्यल नेटवर्किंग टूल को अपने काम के लिए इस्तेमाल करते है, उनके लिए अब काम और आसान हो जाएंगा. बड़ी स्क्रीन, माउस और की-बोर्ड के साथ वाट्स अप चलाने का अपना अलग ही अनुभव है. आप वाट्स अप पर आयी हुई तस्वीरों (Images) ,वीडियो (Videos), ओडियो (Audios ) को अब सीधे अपने कम्प्यूटर पर डाउनलोड भी कर सकेंगे उसी तरह कम्प्यूटर पर उपलब्ध मल्टिमीडिया सामग्री को आप वाट्स अप पर सीधे पोस्ट भी कर सकेंगे. वाट्स अप पर आए टेक्स्ट मेसेजेस को कोपी करके वर्ड, एक्सेल, नोटपेड जैसे ऑफिस टूल्स में भी पेस्ट कर सकेंगे.

तो इन्तजार किस बात का ? आईएं, देखते है कैसे आप वाट्स अप को कम्प्यूटर पर प्रयोग करेंगे.


  1. सबसे पहले अपने कम्प्यूटर पर ब्राउज़र में https://web.whatsapp.com/ ओपन करें.
  2. इस साईट के ओपन होते ही एक QR code स्क्रीन पर नजर आएंगा. 

  3. अब अपने मोबाइल में वाट्स अप ओपन करें. ऑप्शन्स मेन्यु में जाकर wahtsapp web सिलेक्ट करे.
  4. मोबाइल की वाट्स अप एप्प अब मोबाइल केमेरा ओपन करेंगी. अपने मोबाइल केमेरा  को कम्प्यूटर स्क्रीन पर दर्शाए गए QR Code के सामने रख कर code को स्केन करें. 
  5. बधाई. आपका वाट्स अप अब आपके कम्प्यूटर पर आ गया. 
आप चाहे तब कम्प्यूटर और चाहे तब मोबाइल पर वही वाट्स अप अकाउंट इस्तेमाल कर सकते है.तो लीजिए मजा, और अगर ये जानकारी अच्छी लगी हो तो नीचे कमेन्ट में अपनी प्रतिक्रया जरुर लिखे. धन्यवाद. फिर मुलाकर होगी. 

30 अप्रैल 2012

परम पूज्य महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी का ५० वां जन्मोत्सव अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. आज के इस पावन दिन उस विराट व्यक्तित्व को समर्पित मेरा एक तुच्छ प्रयास कविता के रूप में. Please click on photo or below link to read the poem.  http://teyupichal.blogspot.in/2012/04/blog-post_30.html

27 जन॰ 2012

चौबीस घंटे का गणतंत्र दिवस

 "चौबीस घंटे का केवल, था अपना गणतंत्र  !
उसी पुराने ढर्रे पर, कल से सक्रिय तन्त्र!!
कल से सक्रिय तन्त्र, कमीशन,घूस,दलाली!
जस की तस ही बनी हुई, व्यवस्था साली!!
दो दिन के ड्रामों ने थोड़ी, बदली सूरत!
जनता कब से बनी हुई, पत्थर की मूरत!!
---श्री सुरेश बुन्देल 

23 अग॰ 2011

अन्ना जी के आन्दोलन को इन देश-विरोधी ताकतों से बचाना है.

 सारा देश अन्ना जी के साथ है, एक नया आगाज़ हुआ है, 64 सालो की दबी आवाज़ अब बाहर  निकली है. लेकिन  कुछ विदेशी (देश-विरोधी) ताकते  इस जन-आक्रोश, जन-उन्माद को अपने गलत उदेश्यों की पूर्ति के लिए भुनाना चाहते  है. इंटरनेट के झरिये कुछ  भ्रामक (misleading) वीडियो, फोटो, आडियो, आदि  के द्वारा भ्रान्तिया फैलाकर  जनता के उन्माद को बढा कर  देश में अराजकता फ़ैलाने, कानून व्यवस्था बिगाड़ने आदि की कोशिश  हो  रही  है. हमें अन्ना जी के आन्दोलन को इन देश-विरोधी ताकतों से बचाना है. हमारे गणतंत्र की नीवें कितनी ठोस है यह हमें उन्हें दिखा देना है, किसी बहकावे में आकर राष्ट्र सम्पति एवं लोकतंत्र को नुक्सान पहुचाने वाले कदम ना उठाते हुए , अन्नाजी के मार्गदर्शन में लोकतान्त्रिक, अहिंसात्मक, संवेधानिक तरीके से हम इस  आन्दोलन को आगे बढ़ाये. 

25 दिस॰ 2010

वर्ष २०१० में भारत की कुछ हटकर उपलब्धियां

वर्ष २०१० में भारत की कुछ  हटकर उपलब्धियां
भइयें ! जैसा आपको मालूम ही है हम तो सबके चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए कोशिश करते  है तो आज का ये चिटठा बस आपके चेहरे पर मुस्कान बिखरेगा यही आशा है. कोमंवेल्थ-टेलिकॉम-आदर्श घोटाले, भ्रष्टाचार, किसानो के आमरण अनशन, रुलाते हुए प्याज के दाम आदि निराशाजनक खबरों के बीच भी २०१० में भारत की उपलब्धियों से जुडी कुछ खबरे समाचार पत्रों  में  ऐसी भी है जो  देशवासियों को नए साल के जश्न  पर उत्साहित और खुश करनेवाली है. वर्ष २०१० की भारत की कुछ ख़ास उपलब्धिया यहाँ उल्लेखित है.
  • आइआइएम-बैंगलोर को विश्व के शीर्ष २५ प्रबंधन संस्थानों में शामिल किया गया है एवं आइआइएम-अहमदाबाद को ५५ वें पायदान पर रखा गया है.
  • जयपुर के खगोलीय वैद्यशाला को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत का दर्जा दिया गया है.
  • मैसूर को न्युयोर्क टाइम्स ने विश्व के पर्यटन स्थलों की सूचि में चौथे स्थान पर रखा है. 
  • बूपा हेल्थ एंड वेलबींग कंपनी   ने अपने सर्वेक्षण में कहा की भारतीय सबसे कम शराब पीते है और करीब २७ प्रतिशत लोगो ने तो जिंदगी में कभी शराब हाथ भी नहीं लगाया है जबकि ब्रिटेन में करीब ८४ प्रतिशत लोग शराब पीते है.
  • कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने विलुप्त होने वाली भाषाओ के संरक्षण की परियोजना के तहत केरल के कुरुम्ब्दुर समुदाय  के साहित्य तथा राजस्थान के माली समुदाय द्वारा लोक देवता तेजाजी की स्तुति की रेकॉर्डिंग को शामिल किया है.  
यदि आप भी भारत की वर्ष २०१० की उपलब्धि के बारे में कुछ बांटना चाहे तो अवश्य कमेन्ट करें.

14 नव॰ 2010

कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?

गुडिया आकर बोली- अंकल! हेप्पी चिल्ड्रनस डे !,
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?
आज़ादी के तिरसठ वर्षो की यह कैसी तस्वीर ? 
करोडो बच्चो के पेट में ना अन्न ना तन पर चीर.
ना जाने कितनी बच्चियां गर्भ में मार दी जाती, 
जो आती संसार तो कच्ची उम्र में ब्याह दी जाती.  
ना जाने हमारी कौन सी है यह मजबूरी ? 
कि करवाते हम मासूमों से बाल मजदूरी.
रेस्तरां में  लिखते सहसा आवाज़ लगाई आदताना,  
अरे ! छोटू क्या कर रहा ? एक चाय तो लाना.  
फिर अहसास हुआ यह क्या कर रहा हु मैं ?
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?

आया ख़याल कि छोटू से पूछूं क्या तू स्कूल पढ़ेगा ?
देखो सब बढ़ रहे है आगे क्या तू नहीं बढेगा ? 
लेकिन दुसरे पल ही शिक्षा पद्धति की आ गयी याद,
हजारो छात्रो की आत्महत्या कर रही जिसकी फ़रियाद. 
बच्चो के वजन से  उनके बस्तों का वजन है ज्यादा,
हर इक उन्हें जैसे किसी होड़ में लगाने को आमादा.
छोटू को स्कूल जाने के लिए कैसे समझा पाऊं मैं ?
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?
--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- 
बंधुओ - बहिनों ! क्या बाल दिवस मनाना सार्थक हो सकता है जब तक कि करोडो बच्चें कुपोषण, बाल-मजदूरी, बाल-विवाह के शिकार है और जो इनसे बच गए वह शिक्षा पध्धति के शिकार है जिन्हें प्रतियोगिता और परीक्षा का भय आत्महत्या के द्वार पर लाकर खड़ा कर देता है.   
--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

8 नव॰ 2010

धर्म का सार अहिंसा

            धर्म क्या है ? जो हमें जीवन जीने की कला सिखाये वही धर्म है. यह अध्यात्म धर्म, राष्ट्र धर्म, कर्तव्य धर्म, पुत्र धर्म, नैतिक धर्म, व्यवहार धर्म आदि  में विभक्त किया जा सकता है. लेकिन इन सारे धर्मो का पालन तभी सही ढंग से हो सकता है जब आप अहिंसा को विस्तार से समझाने का प्रयास करेंगे.
           जो आप चाहते है कि आपके साथ न किया जाये, वह व्यव्हार अथवा कार्य आप दुसरो के साथ न करे, यही अहिंसा है. आप चाहते है आपको कोई चोट न पहुचाये तो आप किसी को चोट ना पहुचाये, आप चाहते है कि आपको कोई अपमानित ना करे तो आप भी किसी का अपमान न करे, आप चाहते है कि आपकी वस्तु कोई न चुराए तो आप भी किसी कि वस्तु ना हरण करे, आप चाहते है कोई आपसे झूठ न बोले तो आप भी असत्स्य संभाषण न करे. सारे  धर्मो का सार अहिंसा ही है. बाकी सारी क्रियाए-विधिया-नियम-व्रत तो इसका विस्तार है. 
           यदि आप जीवन जीने की कला सीखना चाहते है एवं अपने धर्म को निभाना चाहते है तो अहिंसा की इस परिभाषा को समझ कर उसे अपनाना होगा.

7 नव॰ 2010

बन्दे में था दम... जय तुलसी गुरुवरम...(गुरुदेव आचार्य श्री तुलसी के जन्मजयन्ती पर श्रद्धावनत प्रणाम)

बन्दे में था दम... जय तुलसी गुरुवरम...(गुरुदेव आचार्य श्री तुलसी के जन्मजयन्ती पर श्रद्धावनत प्रणाम) पूरी कविता पढने के लिए फोटो पर क्लिक करे.

4 नव॰ 2010

मेडम सोनिया के राज में सबके है नारे-व्यारे


मेडम सोनिया के राज में सबके है नारे-व्यारे,
कही आदर्श मुख्यमंत्री विधवाओ के हक़ को मारे.
कही कोमन वेल्थ को अपनी समझते है कुछ प्यारे,
कही २-जीटेलीकॉम लाइसंस में मंत्री की जुडी तारे.
युवराज के साथियों के कीचड़ में सने है 'हाथ' सारे,
पर राहुल तो दुसरो पर करते आरोपों की बोंछारे.
भ्रष्टाचार पे चुप रहते मौनी मनमोहन बाबा हमारे,
महंगाई सब खा गयी, रह गए हम  'हाथ' पसारे.
आम आदमी ढूंढ़ रहा उस 'हाथ' को जो उसे उबारे,
'संजय' पूछता आपसे  जाए हम किस-किस के द्वारे ?    
मेडम सोनिया के राज में सबके है नारे-व्यारे.....

3 नव॰ 2010

दीपावली कुछ ऐसी हम मनाये


दीपावली कुछ ऐसी हम मनाये, राम अयोध्या फिर लौट आये.
दिलो के आँगन की करे सफाई, नफरत के मकड़जाल गिराए.
विधायक भावों से करे पुताई, प्रेम भाव के दीपक जलाये .
भ्रष्टाचार का रावण मारे , नैतिकता के राम हम बन पायें .
मर्यादाओ का पालन कर, पुरुषोत्तम के पदचिन्ह अपनाये .

रघुकुल रीती सतत निभाए, प्राण जाये पर वचन न जाये.
दीपावली कुछ ऐसी हम मनाये, रामराज्य फिर लौट आये.

19 अक्तू॰ 2010

Ahmedabad, Bangalore, Chennai among world's fastest-growing cities

Washington, Oct 15 (IANS)
Three Indian cities - Ahmedabad, Bangalore and Chennai - have been listed among the world's fastest-growing cities by Forbes magazine. It also called Gujarat the 'most market-oriented and business-friendly' among Indian states.
While 'China's bold urban diversification strategy hinges both on forging new transportation links and nurturing businesses in interior cities,' Forbes says 'India, although not by plan, also is experiencing a boom in once relatively obscure cities.'
'Its rising urban centers include Bangalore (home of Infosys and Wipro), Ahmedabad (whose per-capita incomes are twice that of the rest of India) and Chennai (which has created 100,000 jobs this year). Many of India's key industries - auto manufacturing, software and entertainment - are establishing themselves in these cities.'
'The growth of India and China also creates opportunity for other emerging players, particularly in Southeast Asia by creating markets for goods and services as well as investment capital.'
Forbes describes Ahmedabad as 'the largest metropolitan region in Gujarat, perhaps the most market-oriented and business-friendly of Indian states.'
Noting that Gujarat's policies helped lure away the new Tata Nano plant from West Bengal to Sanand, one of Gurajat's exurbs, it cites one Indian academic, Sedha Menon, as comparing the state - which has developed infrastructure more quickly than its domestic rivals - with Singapore and parts of Malaysia.
Many big players in tech and services - Goldman Sachs, Cisco, HP as well as India-based giants like Tata - have located operations in Bangalore, notes Forbes.
'But the city also boasts home-grown tech giants Infosys and Wipro, which each have over 60,000 employees worldwide.'
But with Bangalore's population projected to reach 9.5 million by 2025, 'maintaining Bangalore's advantage over smaller, less congested cities could prove a challenge,' it says.
Chennai, projected to reach a population of 10 million by 2025, 'has so far this year created over 100,000 jobs - more than any other Indian city outside of the much larger Delhi and Mumbai,' Forbes says.
'Chennai's metropolitan area is taking full advantage of India's soaring industrial sector, particularly the booming automobile sector. Electronics, led by Dell, Nokia, Motorola, Samsung, Siemens, Sony and Foxconn, are also booming. Chennai is home to India's second-largest entertainment industry, behind Mumbai.'

Single or married ??

This world is very strange, it reacts whenever and whtever you act. Marriage is one of such acts which every person does and to which every person reacts too. In India, they say 'Shaadi ka laddu khaye woh bhi pachhtaye, naa khaye woh bhi pachhtaye'. I wish to share with you one of the incident which happened to one of my friend just last week. He is 27 and got married just a year back. As he was in search of a better paying job, he applied for a job at Mumbai. The emloyer was a corporate firm and they required only single males for some kind of field work. So he had to describe himself as a single to get the job. After getting job, he had to look for a rented house. Now again a problem aroused. Every landlord asked for some proof of identity and employment and he shown his company's ID card which mentioned his marital status as a single. Most of the landlords denied to rent their place to a bachelor. They wanted to rent their houses to a family person. Its almost a month has passed, still he is looking for appartment. Yesterday he called me and asked 'Hey you ? Single or married ..??? I was clue-less about what and why he is asking so. Then he narrated the whole story to me and I was like really thinking over the best possible answer to this question...'Single or married ???'   

30 सित॰ 2010

काबिलियत ही सच्ची आज़ादी है

काबिलियत व्यक्ति में विश्वास जगाती है की उसे किसी रहनुमा की जरुरत नहीं है वह स्वयं अपना रहनुमा है . काबिल व्यक्ति को किसी के सहारे की आवश्यकता नहीं है , वह किसी पर आश्रित नहीं है, किसी के पराधीन नहीं है अपितु वह स्वाधीन एवं स्वतंत्रता की ज़िंदगी जीता है. जो काबिल होता है उसी में क्रांति करने की हिम्मत होती है वही प्रतिस्त्रोत में बहने की हिम्मत रखता है. कमजोर व्यक्ति य्ढ़ बाते सोच भी नहीं सकता है. यही बात किसी समाज या राष्ट्र के बारे में भी लागू होती है.


आज के युग में जिस राष्ट्र ने आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, सामरिक काबिलियत हासिल कर ली है उसे किसी भी पर राष्ट्र से कोई भय नहीं है वह किसी अन्य राष्ट्र की सहायता पर निर्भर नहीं करता. वही इसके विपरीत जिस देश के पास उपरोक्त क्षमताये नहीं है उसे सम्पन्न देशो की मेहरबानियो पर गुज़र करना होता है. वह सम्पन्न देशो पर इतना आश्रित होता है की वह सम्पन्न देशो की अन्याय पूर्ण नीतियों को भी सहन करता है. चाहते हुए भी कई बार अंतर राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष वह सम्पन्न देशो के खिलाफ आवाज़ भी नहीं उठा सकता. यह एक प्रकार की गुलामी नहीं तो क्या है ? तो इससे ये बात तो हम निश्चित तौर पर कह सकते है की काबिलियत ही सच्ची आज़ादी दिलाती है.


काबिलियत को तो आज़ादी में तब्दील किया जा सकता है पर क्या आजादी को काबिलियत में तब्दील किया जा सकता है ? यह प्रश्न मेरे जेहन में इसलिए उठता है क्यूंकि शायद ६३ वर्षो की इस आजादी में हमें जितनी काबिलियत हासिल करनी चाहिए थी उतनी हम नहीं कर पाए है. विश्व का सब से काबिल कहा जाने वाला राष्ट्र जिसने दुनिया को गिनती सिखाई , जिसने दुनिया को सभ्यता  और संस्कृति  सिखाई वह आज शायद कही पीछे  रह  गया  है. यदि नहीं तो क्यों  हमें  हमारी  शिक्षा  पद्धति, चिकित्सा  शास्त्र  वैज्ञानिकी   और प्रोद्योगिकी  से ज्यादा  दूसरो  की पद्धतियों  पर ज्यादा  भरोसा  क्यूँ  है. यह साफ़  दर्शाता  है की या  तो हमारे  में काबिलियत नहीं या फिर  हमें  हमारी  काबिलियत पर विश्वास नहीं. और दोनों  ही  सूरतो  में हमें  दुसरो  पर आश्रित  होना  पड़ता  है. तो यदि देश की नई  पीढी  को सही  मायनो  में आजादी का अनुभव  करना  है तो अपनी काबिलियत का विकास  करना होगा  और उसमे  भरोसा  करना होगा  क्योंकि  काबिलियत ही सच्ची आज़ादी है. जय  हिंद  .